Chaiti Chhath Puja 2025 Date: कब है चैती छठ? नोट कर लें नहाय-खाय, खरना और संध्या अर्घ्य की डेट

Chaiti Chhath Puja 2025 :

चार दिनों तक चलने वाले चैती छठ व्रत की शुरुआत नहाय-खाय के साथ मंगलवार से होगी। पर्व को देखते हुए घरों में तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती है और परिवार को सुख, शांति देने के साथ ही धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं।
घाटों को सजाने का काम शुरू
इस साल चैती छठ को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां प्रारंभ हो गई है। नगर परिषद की ओर से चैती छठ को देखते हुए घाटों को सजाने व संवारने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
नगर परिषद ने बुधवार की शाम तक तमाम छठ घाटों पर सफाई का कार्य पूर्ण करने के साथ ही रंग-रोगन का कार्य भी कराने का निर्देश दिया है। जिससे की छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

 

चैती छठ 2025 की तिथियां और शुभ मुहूर्त

1 अप्रैल 2025 – नहाय-खाय: इस दिन व्रतधारी शुद्ध भोजन ग्रहण करते हुए व्रत की शुरुआत करते हैं।
2 अप्रैल 2025 – खरना: शाम को विशेष प्रसाद ग्रहण किया जाता है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर का विशेष महत्व होता है।
3 अप्रैल 2025 – संध्या अर्घ्य: इस दिन व्रतधारी डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पूजा विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।
4 अप्रैल 2025 – उषा अर्घ्य: इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन होता है। यह व्रतधारी के जीवन में सकारात्मक बदलाव और सुख-समृद्धि लेकर आता है।

 

चैती छठ का विशेष महत्व

छठ महापर्व के दौरान व्रतधारी 36 घंटे तक बिना अन्न-जल के उपवास रखते हैं। यह उपवास शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त करने के लिए होता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने से बड़े से बड़े रोग, दोष और कष्ट दूर हो जाते हैं। यह पूजा विशेष रूप से स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक शांति के लिए लाभकारी मानी जाती है। छठ पूजा का उद्देश्य भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करना है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से यदि कोई निःसंतान दंपति इस पूजा को श्रद्धा से करता है, तो उन्हें शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति होती है। छठ महापर्व के दौरान की गई पूजा और तप से व्यक्ति को न केवल सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि आत्मिक शांति भी मिलती है। यह दिन परिवार के लिए भी बहुत शुभ होता है, क्योंकि इसमें सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है

 

छठ व्रत का कार्यक्रम

  • 01 अप्रैल – नहाय-खाय
  • 02 अप्रैल – खरना
  • 03 अप्रैल – संध्या अर्घ्य
  • 04 अप्रैल – सुबह अर्घ्य सह छठ का समापन

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