Nag Panchami 2024: इस बार कब मनाई जाएगी नाग पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

Nag Panchami 2024: नाग पंचमी पर नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन का विशेष महत्व है. इस त्योहार पर नाग का प्रतीक बनाकर दुग्ध स्नान कराया जाता है. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा से आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल और संपन्नता आती है. इससे भगवान शिव (Lord Shiva) का आशीर्वाद मिलता है. इसी दिन कालसर्प दोष (kaalsarp Dosh) की पूजा की जाती है. माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष और राहु दोष है तो इस दिन रुद्राभिषेक करने से शुभ फल मिलता है. आइए जानते हैं इस बार नाग पंचमी कब मनाई जाएगी और किस तरह पूजा संपन्न की जा सकती है.

नागा पंचमी (संस्कृत: नागपंचमी, आईएएसटी: नागापंचमी) पूरे भारत, नेपाल में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा मनाए जाने वाले नागाओं (या नजस या नाग) या सांपों (जो पौराणिक नागा प्राणियों से जुड़े हैं) की पारंपरिक पूजा का दिन है। और अन्य देश जहां हिंदू, जैन और बौद्ध अनुयायी रहते हैं।[ हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पूजा श्रावण (जुलाई/अगस्त) के चंद्र माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन की जाती है। कुछ भारतीय राज्य, जैसे कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात, उसी महीने के कृष्ण पक्ष (कृष्ण पक्ष) को नाग पंचमी मनाते हैं। उत्सव के हिस्से के रूप में, चांदी, पत्थर, लकड़ी या पेंटिंग से बने नाग या नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है और परिवार के कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है। इस दिन जीवित सांपों, विशेषकर कोबरा की भी पूजा की जाती है, विशेष रूप से दूध चढ़ाकर और आम तौर पर सपेरे की सहायता से।

इससे देवता डर गए और उन्होंने मनसादेवी से हस्तक्षेप करने और संकट को हल करने की अपील की। फिर उन्होंने अपने पुत्र अस्तिका से यज्ञ स्थल पर जाने और जनमेजय से सर्प सत्र यज्ञ रोकने की अपील करने का अनुरोध किया। अस्तिका ने सभी शास्त्रों के अपने ज्ञान से जनमेजय को प्रभावित किया, जिसने उन्हें वरदान मांगने की अनुमति दी। यह तब था जब अस्तिका ने जनमेजय से सर्प सत्र को रोकने का अनुरोध किया था। चूँकि राजा को कभी भी किसी ब्राह्मण को दिए गए वरदान को अस्वीकार करने के लिए नहीं जाना जाता था, इसलिए यज्ञ करने वाले ऋषियों द्वारा बचाव के बावजूद, वह नरम हो गया। तब यज्ञ रोक दिया गया और इस तरह इंद्र और तक्षक और उनकी अन्य नाग जाति की जान बच गई। यह दिन, हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नादिवर्धिनी पंचमी (मानसून के मौसम के दौरान श्रावण के चंद्र महीने के उज्ज्वल पखवाड़े का पांचवां दिन) था और तब से यह दिन नागाओं का त्यौहार दिवस है क्योंकि इस दिन उनके जीवन को बचाया गया था। दिन। इंद्र भी मनसादेवी के पास गए और उनकी पूजा की।

गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन सांप की पूजा करना शुभ होता है और इससे व्यक्ति के जीवन में शुभ समाचार आएगा। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।

नाग पंचमी कब है | Nag Panchami Date

ज्योतिष के अनुसार, इस बार नाग पंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी. 9 अगस्त की रात 12:35 बजे से इसकी शुरुआत होगी और समापन 10 अगस्त को सुबह 3:13 बजे होगा. ऐसे में नाग पंचमी 9 अगस्त को ही मनाई जाएगी. नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 बजे से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 25 बजे तक रहेगा. इस दौरान नाग देवता (Nag Devta) की पूजा कर सकते हैं.

Nag Panchami 2024: इस बार कब मनाई जाएगी नाग पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधिनाग पंचमी के दिन मान्यतानुसार नागों के देवता की पूजा की जाती है. यहां जानिए इस साल कब मनाई जाएगी नाग पंचमी और कैसे की जा सकती है पूजा.

Nag Panchami 2024: नाग पंचमी पर नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन का विशेष महत्व है. इस त्योहार पर नाग का प्रतीक बनाकर दुग्ध स्नान कराया जाता है. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा से आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल और संपन्नता आती है. इससे भगवान शिव (Lord Shiva) का आशीर्वाद मिलता है. इसी दिन कालसर्प दोष (kaalsarp Dosh) की पूजा की जाती है. माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष और राहु दोष है तो इस दिन रुद्राभिषेक करने से शुभ फल मिलता है. आइए जानते हैं इस बार नाग पंचमी कब मनाई जाएगी और किस तरह पूजा संपन्न की जा सकती है.

नाग पंचमी कब है | Nag Panchami Date

ज्योतिष के अनुसार, इस बार नाग पंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी. 9 अगस्त की रात 12:35 बजे से इसकी शुरुआत होगी और समापन 10 अगस्त को सुबह 3:13 बजे होगा. ऐसे में नाग पंचमी 9 अगस्त को ही मनाई जाएगी. नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 बजे से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 25 बजे तक रहेगा. इस दौरान नाग देवता (Nag Devta) की पूजा कर सकते हैं.

नाग पंचमी की पूजा कैसे करें

1. नाग पंचमी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठ जाएं.

2. अब स्नान करके साफ कपड़े धारण करें.

3. भगवान शिव की पूजा करें और नाग देवता का प्रतीक बनाकर आराधना करें.

4. नाग देवता की पूजा-अर्चना में फल, फूल, मिठाई और दूध चढ़ाए जाते हैं.

नाग पंचमी के दिन क्या करें

अगर किसी की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. इस दिन ब्राह्राण और जरूरतमदों को दान करना शुभ फलदायी है. इससे राहु-केतु का प्रभाव खत्म हो सकता है. नाग पंचमी के दिन व्रत करने से जीवन के संकट दूर होते हैं. इससे हर तरह की संपन्नता आती है. हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होती

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