मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सोलह पवित्र संस्कारों (सोलह संस्कार) में से एक है। इस संस्कार के अन्य नाम चौल मुंडन, जडुला, चूड़ा कर्म या चौल कर्म संस्कार हैं। मुंडन संस्कार को उन 16 संस्कारों में आठवां स्थान प्राप्त है और इसमें किसी बच्चे का पहली बार सिर मुंडवाया जाता है। महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठानों में से एक होने के नाते, चौल मुंडन समारोह बच्चे को सौभाग्य और शाश्वत समृद्धि प्रदान करता है।
हिन्दू धर्म में 16 संस्कार किये जाते है जिसमे से आठवां संस्कार है मुंडन संस्कार | जन्म के समय से जो बाल बच्चे के सिर पर होते है वो हिन्दू धर्म से शुभ नहीं मने जाते है इसलिए उन्हें उतार दिया जाता है ऐसा माना जाता है कि मनुष्य का जन्म 84 लाख योनियों के बाद आता है और पिछले के जितने भी जन्मों के पाप लेकरा आता है वो भी बाल उतारने के साथ ही अलग हो जाते हैं और वह अपने पूर्व जन्म के दोषमुक्त हो जाता है
जातक के जन्म से विषम वर्ष में किया जाता है जैसे पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवे या सातवे वर्ष बाल उतारे जाते है और यज्ञ किया जाता है इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है
कही कही पर मुंडन के समय सर पर शिखा या चोटी भी छोड़ दी जाती है माना जाता है कि इससे राहु ग्रह की शांति होती है
दिनांक | आरंभ काल | समाप्ति काल |
सोमवार, 19 फरवरी | 06:25:53 | 10:33:50 |
बुधवार, 21 फरवरी | 11:30:13 | 30:24:21 |
गुरुवार, 22 फरवरी | 06:23:35 | 13:24:29 |
गुरुवार, 29 फरवरी | 06:17:42 | 30:24:48 |
शुक्रवार, 08 मार्च | 06:10:22 | 22:00:14 |
बुधवार, 20 मार्च | 05:58:33 | 22:39:07 |
बुधवार, 27 मार्च | 05:51:30 | 29:51:30 |
गुरुवार, 28 मार्च | 05:50:30 | 18:38:36 |
गुरुवार, 04 अप्रैल | 05:43:30 | 29:43:30 |
शुक्रवार, 05 अप्रैल | 05:42:31 | 13:31:31 |
सोमवार, 15 अप्रैल | 05:33:05 | 12:14:02 |
शुक्रवार, 03 मई | 05:18:39 | 24:07:07 |
शुक्रवार, 10 मई | 10:47:34 | 26:52:24 |
सोमवार, 20 मई | 16:00:52 | 29:09:38 |
शुक्रवार, 24 मई | 19:26:57 | 29:08:18 |
बुधवार, 29 मई | 13:42:06 | 29:07:05 |
गुरुवार, 30 मई | 05:06:54 | 11:46:17 |
सोमवार, 10 जून | 16:17:22 | 21:40:32 |
सोमवार, 17 जून | 05:06:53 | 30:26:46 |
शुक्रवार, 21 जून | 07:33:35 | 18:19:05 |
सोमवार, 24 जून | 15:54:50 | 25:25:31 |
बुधवार, 26 जून | 05:08:55 | 20:57:36 |
सोमवार, 15 जुलाई | 19:21:23 | 24:30:25 |
Mundan Muhurat का महत्व
Mundan, संस्कृत शब्द “मुंदन” से लिया गया है जिसका अर्थ है “बालों को शेविंग करना”। मुंडन मुहूर्त/Mundan Muhurat एक पवित्र हिन्दू समारोह है जो बच्चे के लड़कपन से किशोरावस्था की ओर संकेत करने के लिए किया जाता है।
मुंडन मुहूर्त का प्रमुख महत्व शामिल है:
आध्यात्मिक शुद्धि: बच्चे के बालों को शेविंग करने की क्रिया से यह माना जाता है कि उन्हें उनके पूर्व जन्म की किसी भी नकारात्मकता या कीड़े-मकोड़े से शुद्ध किया जाता है।
बालों की वृद्धि को बढ़ावा: यह भी माना जाता है कि मुंडन मुहूर्त में बच्चे के भविष्य में घने और स्वस्थ बालों की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
शुद्धता का प्रतीक: बालों को शेविंग करने की क्रिया व्यावहारिक आसक्तियों की पीछा करती है और बच्चे के आध्यात्मिक शुद्धि की ओर का प्रतीक होती है।
देवताओं को अर्पण: कई परिवार अपने चयनित देवता के लिए मुंडन/Mundan को एक आराधना के रूप में करते हैं, बच्चे के भले-भावना और भविष्य की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।